भोर का सूरज
उग आया है
रोज की तरह !
और सोचती हूँ की ,
आत्मविश्वास से भर कर
कुछ नया करने की शुरुआत करूँ ,
मन के कोने में बैठे अंधकार को निकाल दूँ .
जो कुछ भी नया नहीं देखने देता ,
इसे भगाना ही होगा . नई उर्जा भरकर
नकारात्मक सोच को दूर कर सकारात्मक-
सोच से भविष्य का दर्पण साफ करना होगा
तभी हम अपनी सही अक्ल और शक्ल देख पाएंगे
उग आया है
रोज की तरह !
और सोचती हूँ की ,
आत्मविश्वास से भर कर
कुछ नया करने की शुरुआत करूँ ,
मन के कोने में बैठे अंधकार को निकाल दूँ .
जो कुछ भी नया नहीं देखने देता ,
इसे भगाना ही होगा . नई उर्जा भरकर
नकारात्मक सोच को दूर कर सकारात्मक-
सोच से भविष्य का दर्पण साफ करना होगा
तभी हम अपनी सही अक्ल और शक्ल देख पाएंगे
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