जंगल की सरकार
नया चुनाव हुआ जंगल में
नई बनी सरकार ,
ढेरों झूठे वायदे करके raja बना सियार ।
रंग नए थे ,ढंग नए थे
मन में थे ढेरों अरमान ,
बदलेंगे जंगल की सूरत
शुरू हुए उसके फरमान ।
आसमान में उड़ेगी मछली, बन्दर का घर पानी में
पढ़ेगें चूहे पेड़ के नीचे ,
बिल्ली की निगरानी में ।
हाथी -भालू दोनों मिलकर
रोटी दाल पकाएंगे ,
शेर -शेरनी नाच -नाच
मन राजा का बहलाएँगे ।
जंगल की जनता ने आखिर
किया फैसला रातों -रात ,
कान पकड़ कर जेल दिखाई
बिगड़ न पाई ज्यादा बात ।
कौशल पाण्डेय kaushalpandey.1956@gmail.com