नया साल आ गया ,
जनसंदेश में इनकी कविता छपी
३ को फिर एक कविता छपी
अभी सब ठीक है
गुजरे ३ वरसों ने तो सितम खूब ढाये
नया बरस अब खूब खु`शियां ही लाये
अम्मा ,बाबूजी ,व बउआलाल चाचा का चले जाना बेहद दुखदाई लगा ।
जनसंदेश में इनकी कविता छपी
३ को फिर एक कविता छपी
अभी सब ठीक है
गुजरे ३ वरसों ने तो सितम खूब ढाये
नया बरस अब खूब खु`शियां ही लाये
अम्मा ,बाबूजी ,व बउआलाल चाचा का चले जाना बेहद दुखदाई लगा ।