Monday 24 February 2014

भागमभाग में आज किसी को फुर्सत नहीं है लेकिन  थोडा समय  अवस्य निकालिये  
कहीं ऐसा न हो कि जीवन कि शाम में हमारे पास समय  तो बहुत सारा हो, पर रिस्ते साथ नहीं , रिश्तों  कि अमृतवर्षा में भीगिये और सारे कष्ट और  तनाव दूर कीजिये॥  

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arpana pandey

Monday 10 February 2014

आजकल प्रेमचंद्र का बचपन पड़ रही हूँ ,कितना सरल, सहज, सुन्दर व्यक्तित्व और उनके विचार ।
 सन १८८०  का जन्म उ,प्र . के लमही गाँव में .
 लगभग २०० साल पहले कोई टीकाराम नामक आदमी ऐरे से आया था इन्ही कायस्थ परिवार से इनके पुत्र गुरुसहायलाल व इनके भतीजे हरदयाल लाल लमही में बसे ,गुरुसहायलाल के पुत्र अजायबलाल से धनपतलाल यानि मुंशी प्रेमचंद्र का जन्म हुआ इनकी माँ का नाम आनन्दी  था

 अर्पणा ……। 

Monday 3 February 2014

jindgi me bas dhllan baki hai . khvab me bas makan baki hai haar gai hun jindgi se magar aankhon me abhi tufan baki hai.
 जिंदगी में बस ढलान बाक़ी है
 ख्वाब में अस मकान बाक़ी है
   हार गई हूँ जिन्दगी से  मगर ,
   आँखों में अभी तूफ़ान बाक़ी है ॥