नये साल का स्वागत करें .
हाथों में फिर आ रही -इंद्र धनुष की डोर .
तितली के पंखों लिखी नये साल की भोर
रोली जैसा दिन उगा हल्दी भीगी शाम ,
नये साल लिखने लगी कुछ गीत तुम्हारे नाम ।
अपर्णा .....................................
हाथों में फिर आ रही -इंद्र धनुष की डोर .
तितली के पंखों लिखी नये साल की भोर
रोली जैसा दिन उगा हल्दी भीगी शाम ,
नये साल लिखने लगी कुछ गीत तुम्हारे नाम ।
अपर्णा .....................................