Friday 17 May 2013

वर्तमान समय  हमारी रचनात्मकता के लिए सबसे संघर्ष पूर्ण समय है जिसका सामना करना लेखक के लिए  सबसे बड़ी  चुनौती है  छोटे शहरों की वास्तविकताओं और आवश्यकता  को समझते हुए मुंबई से आये युवा रंगकर्मी अभिनव पाण्डेय नाट्यकला के प्रचार -प्रसार में सक्रिय हो रहे हैं निश्चय ही वे बधाई के पात्र हैं । रास्ते बने और मशाल जले यही कामना है । अर्पणा ......................................

Tuesday 7 May 2013

किशोरकुमार का कवि रूप -
दुर्लभ कविता की पंक्तियाँ _
पनसो पदारथ ,सब जहान को सुधारथ ,
गायन को बढ़ावत जामेंचुना चौकसाई  है।
सुपरिण के साथ-साथ मसाल  मिले भांत -भांत ,
जामे कत्थे की रत्ती भर लाली