मेरा अपना घर .................
मेरा अपना घर कानपुर में बन गया है ,
हम बच्चों के साथ खुश है ,
सारा दिन खटने के बाद भी हम थके नहीं हैं
नाच-गा कर प्रवेश करना चाहते हैं ,एक दुसरे की आत्मा में ,और बसाना चाहते हैं अपना घर संसार .
आहा!
कितनी बड़ी है यह दुनिया जो सिमट कर रह जाती है एक छोटे से घर में ,उस छोटे से घर के छोटे से घर-संसार में ।
अपर्णा ...............1310 अ बसंत विहार कानपुर 208021
जमाने की बात
जिन्दगी का प्रवाह धीमी गति से चलता रहता है कभी ख़ुशी कभी गम .....
कभी छोटी सी घटना अपार आनंद प्रदत्त करती है और कभी एक छोटी सी कोई घटना समय के विराट काल -खंड पर अपने नख गड़ा देती है , दोनों ही स्तिथि में संयम और धैर्य से काम लेना चाहिए ,क्योंकि हर बड़े बदलाव के बीज किसी अदना सी घटना में ही छिपे रहते हैं ।
अपर्णा ........
मेरा अपना घर कानपुर में बन गया है ,
हम बच्चों के साथ खुश है ,
सारा दिन खटने के बाद भी हम थके नहीं हैं
नाच-गा कर प्रवेश करना चाहते हैं ,एक दुसरे की आत्मा में ,और बसाना चाहते हैं अपना घर संसार .
आहा!
कितनी बड़ी है यह दुनिया जो सिमट कर रह जाती है एक छोटे से घर में ,उस छोटे से घर के छोटे से घर-संसार में ।
अपर्णा ...............1310 अ बसंत विहार कानपुर 208021
जमाने की बात
जिन्दगी का प्रवाह धीमी गति से चलता रहता है कभी ख़ुशी कभी गम .....
कभी छोटी सी घटना अपार आनंद प्रदत्त करती है और कभी एक छोटी सी कोई घटना समय के विराट काल -खंड पर अपने नख गड़ा देती है , दोनों ही स्तिथि में संयम और धैर्य से काम लेना चाहिए ,क्योंकि हर बड़े बदलाव के बीज किसी अदना सी घटना में ही छिपे रहते हैं ।
अपर्णा ........
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