कीमती हीरा .........
काफी पुरानी बात है बगदाद के खलीफा का एक गुलाम थाl वह काफी बदसूरत था दूसरे गुलाम उसकी बदसूरती का मजाक उड़ाते थे लेकिन हासम अपना ध्यान हमेशा अपने काम पर लगाता था वह पूरी कोशिश करता था कि खलीफा को कोई तकलीफ ना हो एक बार खलीफा अपने कई गुलामों के साथ बगीचे जा रहे थे साथ में हासन भी था एक जगह कीचड़ में खलीफा का घोड़ा फिसल गया उस वक्त खलीफा के हाथ में हीरे मोतियों की एक पेटी जी घोड़े के फिसलने से खलीफा का हाथ hiला और खुल खुलकर गिर गई खलीफा ने हम सब को खुली छूट देता हूं जाओ जल्दी से अपने लिए हीरे मोती बीन लो पहले तो गुलामों को यकीन नहीं हुआ पर खलीफा को मुस्कुराते देखने sb दौड़ पड़े और उन में हीरे मोती उठाने की होड़ लग गई मगर हासन खड़ा रहा खलीफा ने कहा तुमने मेरी बात नहीं सुनी क्या? तुम क्यों नहीं जाते हा? Usne जवाब दिया मेरे लिए सबसे कीमती हीरा तो आप हैं .आप को छोड़ कर कैसे जा सकता हूं खलीफा बेहद खुश हुए उन्होंने उसी वक्त गुलामी से उसे मुक्त कर दिया .
(सुनी सुनाई कथा) अर्पणा पांडे 94 55 225 325
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