जाओ और आओ ......
एक गांव में एक धनी किसान रहता था उसके पास बहुत सी जमीन थी किसान के दो लड़के थे जब दोनों लड़के बड़े हो गए तो किसान ने उन्हें आधी आधी जमीन बांट दी साथ ही काम करने वाले आदमी भी बराबर बराबर बांट दिए बड़ा लड़का बहुत सुस्त और आलसी था वह कभी अपने खेतों को देखने नहीं जाता था वह अपने आदमियों से कहा करता था "जाओ खेतों पर जाकर काम करो "उसके आदमी मनमाना काम करते थे धीरे-धीरे उपज घटने लगे और बहुत कम हो गए इस तरह किसान का बड़ा लड़का गरीब हो गया! उधर छोटा लड़का बहुत परिश्रमी था वह सवेरा होते ही कंधे पर हल रखकर अपने आदमियों को पुकारता था आओ खेतों में चलकर काम करें वह आदमियों को साथ लेकर खेतों पर जाता और डट कर काम करता उसे देख कर उसके आदमी भी खूब मेहनत करते थे . कुछ दिनों में वह धनी हो गया चतुर पिता दोनों बेटों में फर्क समझता था एक दिन उसने दोनों बेटों को बुलाया और बड़े लड़के से पूछा क्या हाल है उसने कहा मैं तो गरीब हो गया हूं मेरा भाग्य ही खराब है फिर उसने छोटे लड़के से पूछा तो वह बोला आपकी कृपा से दिन दूनी और रात चौगुनी उन्नति हो रही है बूढ़े किसान ने कहा देखो तुम दोनों को मैंने बराबर बराबर भाग दिया वह भाग भी तुम्हारा भाग्य था तुम्हारे भाग में कोई अंतर नहीं अंतर केवल है जाओ और आओ का बड़े लड़के ने हैरान होकर पूछा बापू जाओ और आओ क्या है ? पिता ने कहा तुम सदा अपने आदमियों से कहते हो जाओ काम करो जबकि तुम्हारा छोटा भाई अपने आदमियों से कहता है "आओ काम करें" पिता की बात सुनकर बड़े लड़के की आंखें खुल गई ....
(सुनी सुनाई कथा )
अर्पणा पांडे 94 55 225 325.
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