Sunday, 13 December 2020

 परिवार और प्रेम .........

एक दिन एक व्यक्ति के घर के बाहर बरामदे में 4 लोग आकर बैठे यह चार लोग थे- प्रेम ,वैभव ,सफलता और नीति घर में रहने वाले दंपत्ति ने बाहर आकर उन्हें प्रणाम किया और उनका परिचय पूछा चारों ने बारी-बारी से अपना परिचय दिया .तब दंपत्ति ने आदर पूर्वक उन्हें भीतर आने के लिए बुलाया इस पर वे चारों बोले हम सबको एक साथ अंदर आने की क्या जरूरत है आप किसी एक को बुला ले दंपत्ति असमंजस में पड़ गया. किसे बुलाएं और किसे छोड़ें उन्होंने आगंतुकों से थोड़ा समय मांगा और आपस में सलाह करने के लिए वापस घर में आ गए .पूरा परिवार अंदर बैठकर सलाह करने लगा स्त्री बोली हमें वैभव को अंदर बुलाना चाहिए उसके आने से बाकियों की कमी भी पूरी हो सकती है तभी उसका पति बोला वैभव सफलता का मोहताज है इसलिए सफलता को ही बुलाओ उसके साथ होने से वैभव अपने आप साथ आ जाएगा इस पर बेटे ने  सलाह दी नहीं पिताजी आप सबसे पहले नीति को बुलाएं जहां नीति होती है वही सफलता मिलती है और जहां सफलता मिलती है वहां वैभव अपने आप आता है इसके बाद सभी बहू की राय जानने के लिए उसकी ओर देखने लगे वह धीरे से बोली मेरी मानिए तो आप लोग सबसे पहले प्रेम को बुलाइए बाकी सभी पात्र बाहरी जीवन के मददगार हैं लेकिन घर परिवार में सबसे बड़ा मित्र प्रेम ही होता है प्रेम बना रहे तो अन्य लोगों का  साथ किसी ना किसी तरह से हासिल हो ही जाएगा बहू की सलाह पर दंपत्ति ने बाहर आकर प्रेम को  बुलाया आश्चर्य हुआ कि जब प्रेम भीतर आया तो उसके पीछे पीछे बाकी तीनों भी आ गए अंदर आकर वे बोले आपने हम तीनों में से किसी एक को बुलाया होता तो हम अकेले ही आते पर प्रेम जहां जाता है वहां हम अवश्य साथ होते हैं ....

.(सुनी-सुनाई कथा )

अर्पणा पांडे 94 55 225 325.


No comments:

Post a Comment