Sunday, 13 December 2020

 ईर्ष्या .......

एक अस्पताल के कमरे में दो बेड पढ़े थे एक पर गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति था दूसरी तरफ उसी का दोस्त भी गंभीर बीमार था उसमें से एक दोस्त कहता था की उसकी खिड़की से दुनिया बड़ी खूबसूरत दिखती है और लगातार अपने दोस्त को बताता कि हरे भरे पेड़ और झील सब कुछ दिख रहा है हंसते खेलते बच्चों का तांता लगा रहता है दूसरे मरीज के लिए यह सब चीजें नहीं थी और इस कारण वह ईर्ष्या से ग्रसित हो गया अब वह उसका बेड हथियाने की इच्छा से कुल बुलाने लगा और उधर उस मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी जब तबीयत बिगड़ने लगी तो वह नर्स या डॉक्टर के लिए घंटी नहीं बजा सका जबकि दूसरा मरीज यह सब देखकर घंटी बजा सकता था पर उसने ईर्ष्या बस ऐसा नहीं किया और उसी दौरान उस मरीज की मृत्यु हो गई अगली सुबह डॉक्टर से उसने अनुरोध किया कि उसे उस बेड पर भेज दिया जाए पर वहां का नजारा देखकर वह हैरान रह गया कि वहां ना झील है ना बच्चे हैं ना हरा भरा वातावरण है बल्कि एक गंदी सी दीवार दिख रही थी अब पछताने के सिवा उसके पास कोई चारा नहीं था, arpana pandey.

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