Thursday, 9 June 2022

भगवान विष्णु की कथा

 एक पंडित पंडिताइन थे पंडित जी बहुत सीधे थे पूजा बड़े मगन हो कर करते थे उन्हें जो भी मिल जाता उसी से वह गुजारा करते थे उनकी एक कन्या थी वह बड़ी हो रही थी इससे पंडिताइन को बहुत चिंता थी वह रोज पंडित जी से झगड़ा करती कुछ करो इस कन्या का विवाह कैसे होगा गुस्से में पंडित जी 1 दिन घर से निकल गए रास्ते में उन्हें विष्णु भगवान भेस बदल कर मिले बोले पंडित जी क्या बात है आज आप इतना परेशान क्यों हो सब पंडित जी ने सारी बात बताई कि पंडिताइन मुझसे रोज झगड़ते हैं की बेटी के लिए वर ढूंढो अब मैं क्या करूं तब विष्णु भगवान बोले यह आसरा लेते जाओ रोज कहना बृहस्पति को केला के पेड़ के नीचे शुक्रवार को संतोषी माता के पास शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे रविवार को सूरज के सामने सोमवार को भोले बाबा के पास और मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में बुद्ध को रिद्धि सिद्धि के पास इस तरह यह 7 दिन के नाम से पूजन करिए तो आपका काम हो जाएगा पंडित जी घर आए तो पंडिताइन ने पूछा क्या लाए हो तब पंडित जी ने बताया कि यह आसरा लाया हूं और पंडित जी ने पुनः सातों दिनों की कहानी सुनाई तो पंडिताइन चिल्लाई इससे क्या होगा तब बेटी बोलीलाओ पिताजी मैं करूंगी और उसने पिता जी से कहा आप कहो मैं भी कहूंगी  पंडित जी ने कहा हॉट बात टूटेंगे मतलब दरिद्रता जाएगी कोठी कुत्रा भरेंगे  मतलब संपन्नता आएगी 7 दिन को आश्रो बृहस्पति को केला के पेड़ के नीचे शुक्रवार को  संतोषी माता के मंदिर में सनी को पीपल के नीचे इतवार को सूरज के सामने सोमवार को भोले बाबा के पास मंगल को हनुमान मंदिर में बुध को रिद्धि सिद्धि के पास पूजा करने से बेटी का विवाह अच्छे घर में हो जाएगा। देखी है उसी दिन से पूजा करना शुरू कर दिया थोड़े दिनों में ही उससे अच्छा घर अलवर मिल गया यह सब देख कर उसकी मां भी विष्णु जी की पूजा करने लगी साथ में हर दिन की पूजा करती धीरे-धीरे उसके घर में सब कुछ अच्छा होने लगा।

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