Monday, 6 June 2022

हल छठ की कथा

 एक जंगल में गाय और बछड़ा पानी पीने के लिए तालाब की खोज कर रहे थे तभी उसे वृक्षों के बीच में एक तालाब नजर आया ,गाय और बछड़ा अपने प्यास बुझाने के लिए वहां पर पहुंचे दूसरी तरफ एक शेर भी पानी पी रहा था. गाय और बछड़े की लार से मिला हुआ पानी जब शेर ने  पिया  तो तुरंत वह बछड़े को खाने के लिए दौड़ा उसने सोचा जब इसकी लार इतनी मीठी है तो इसका कलेजा कितना मीठा होगा ? गाय ने तुरंत बछड़े को अपने सीने से चिपका लिया और शेर से वह बोली अभी मेरे और बच्चे घर पर हैं वे भूखे भी हैं मैं उन्हें दूध पिला कर आती हूं ,तब मुझे खा लेना शेर   हंसा और बोला ऐसे कोई स्वयं आता है ? गाय ने बचन दिया और शेर से कहा अच्छा पास में ही मेरा घर है तुम भी चलो जब मेरे बच्चों का पेट भर जाएगा तब तुम मुझे खा लेना शेर उसकी बात को मान गया और गाय के पीछे पीछे उसके घर के पास तक गया गाय ने अपने सोते हुए बच्चों को उठाया और प्यार से उन्हें दूध पिलाया और बच्चों से कहा आज दूध तुम लोग जी भर कर पी लो क्योंकि आज मैं शेर के पास मरने के लिए जा रही हूं. तभी एक छोटा बछड़ा दौड़ता - दौड़ता शेर के पास गया और हंस कर बोला शेर मामा शेर मामा आपके मैं पैर छूता हूं पीछे से सभी बच्चे बोलने लगे मामा प्रणाम, मामा प्रणाम तब शेर को भी दया आ गई और बोला अरे भांजे अब मैं तुम्हारी मां को कैसे खा सकता हूं वह तो मेरी बहन हुई यह सुनकर सभी लोग खुश हुए यह दिन भादो की छठ का दिन था ,तभी से माताएं अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए यह व्रत रखती है गाय और बछड़े की विशेष पूजा करते हैं शेर ने भी बच्चों को माफ किया तो शेर की भी पूजा की जाती है  l 

अर्पणा पांडे

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