Monday, 29 April 2024

जिन्दगी

१ . 😀जिन्दगी पेनड्राइव नहीं कि जो मन हो बजा लो ।

जिन्दगी तो रेडियो जैसी है ' कब कौन सा गाना बज जाये पता ही न चले ।

२.🥰 एक घर था जहाँ अम्मा थी शाम होने पर जल्दी-      जल्दी भगाती थी कि अंधेरा ना हो जाये

      और अब कोई देखने कहने वाला ही नहीं उधर से        निकलती हूँ बस मुड़मुड़ कर देखती हूँ चाहे देर हो        जाये । क्योंकि अब गाड़ी में सवार होकर आती हूँ 

      लेकिन अब वो खुशी ही नहीं😭

3 .जिन्दगी में कुछ रास्ते सब्र के होते हैं 

   और कुछ सबक के ।

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