१ . 😀जिन्दगी पेनड्राइव नहीं कि जो मन हो बजा लो ।
जिन्दगी तो रेडियो जैसी है ' कब कौन सा गाना बज जाये पता ही न चले ।
२.🥰 एक घर था जहाँ अम्मा थी शाम होने पर जल्दी- जल्दी भगाती थी कि अंधेरा ना हो जाये
और अब कोई देखने कहने वाला ही नहीं उधर से निकलती हूँ बस मुड़मुड़ कर देखती हूँ चाहे देर हो जाये । क्योंकि अब गाड़ी में सवार होकर आती हूँ
लेकिन अब वो खुशी ही नहीं😭
3 .जिन्दगी में कुछ रास्ते सब्र के होते हैं
और कुछ सबक के ।
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