एक गरीब औरत और एक बेटी थी बेटी हर बृहस्पति वार को केले के पेड़ की पूजा करती लेकिन उसकी कहानी सुनने वाला कोई नहीं रहता 1 दिन बड़ी उदास होकर बोली हे भगवान मैं रोज कहानी कहती हूं किंतु कहानी सुनने वाला कोई नहीं तो लक्ष्मी जी को उस पर दया आ गई और वह केले के पेड़ से अचानक प्रकट हो गई और उससे बोली चलो तुम कहानी सुनाओ आज से मैं तुम्हारी कहानी रोज सुनने आया करूंगी लड़की पसंद हो गई और उसने पूजा करके कहानी सुनाइए फिर लक्ष्मी जी उसे अपने घर ले गए और अच्छे-अच्छे कपड़े भेंट में दिए बढ़िया खाना खिलाया लड़की जब वापस घर आए तो उसने मां से पूरी बात बताई और कहा कि आप से मेरी हो सहेली है और अगले बृहस्पतिवार को मैं उसे अपने घर भी बुलाओगी मां बोली बेटा दोस्ती हमेशा बराबर वालों से की जाती है बड़ों से नहीं। लेकिन बेटी नहीं मानी और जिद करने लगी नहीं वह तो अच्छी है हम उसे अपने घर बुलाएंगे तब माने अपने घर को साफ सुथरा किया गाय के गोबर से घर लीपा अपने स्थिति के अनुसार भोजन बनाया जब बृहस्पतिवार आया तो लक्ष्मी जी को अपने घर लाने के लिए एक कारीगर से उसने लकड़ी की गाड़ी भी बनवाई आप लड़की ने कथा कहने के बाद लक्ष्मी जी से अपने घर चलने का आग्रह किया और उसी गाड़ी में लक्ष्मी जी को बैठाला और अपने साथ अपने घर ले आए लक्ष्मी जी के बर्थडे ही गाड़ी सोने की हो गई सुंदर से सज्जित हो गई घर में पैर रखते ही घर सोने का हो गया चारों तरफ जगमगाहट होने लगी यह सब मां बेटी देख कर दंग रह गए तभी लक्ष्मी जी ने 5 थाली में भोजन मंगाया एक गणेश जी का एक विष्णु जी का एक स्वयं का एक मां का एक बेटी का इस तरह 5 थालो में भोजन आ गया । भोजन करने के बाद लक्ष्मी जी के जाने का समय हो गया। अब लड़की ने पल्लू पकड़ कर कहा मैं आपको नहीं जाने दूंगी तब लक्ष्मी जी बोले मेरा एक पैर हमेशा तुम्हारे घर में रहेगा मैं एक जगह नहीं रहती । जिस घर में इनकी पूजा होती है साफ सफाई रहती है वहां लक्ष्मी जी का निवास रहता है इस तरह सभी को अपने घर पर या आसप पास सफाई हमेशा रखनी चाहिए ।
अर्पणा पांडे
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