Sunday, 6 April 2014


 समय ----
 काफी  समय  बादलों  की तरह  हमारी  जिन्दगी के  पीछे उड़कर चले गये हैं
 रोज कि तरह आज फिर सवेरा हो गया
,बादलों में हलकी नीलिमा के साथ लाल किरणो ने खेलना शुरू कर दिया है
 धीमी -धीमी बयार ने फुनगियों को धक्के मारना  भी शुरू कर दिया है.

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