प्राचीन लोक चित्रों में प्रयुक्त प्राकृतिक रंगों के निर्माण की प्रक्रिया दिलचस्प होती थी l जैसे नारंगी रंग हर सिंगार के फूलों से बनाया जाता था l हर सिंगार के फूलों को पानी में उबाल कर उसमें गोंद मिला कर छान लिया जाता है, लाल रंग चुकंदर को सूखाकर,उबालकर कूट कर उसमें गोंद मिलाकर तैयार किया जाता है l पीला रंग कटहल के गूदे को उबाल कर बनाया जाता है l हल्दी में गोंद मिलाकर भी तैयार किया जाता है आजकल कपडों में करने वाले पेंट बाजार में आने लगे हैं इस नवीनता से कपडों का सौंदर्य बड़ा है वो कितने भी बार धोए जाए उनका रंग नहीं उतरता प्रेस करने के बाद वे ज्यों के त्यों नजर आते हैं यही कारण है कि आजकल भी यह लोक कला काफी लोकप्रिय हो रही है l
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