दशहरा वाले दिन नवल के घर नातिन की मुंडन पार्टी थी अच्छा लगा दूसरे दिन जवाहरनगर गई अपोली तितली विट्टो और रुचि पंखुड़ी अटियां संदीप सभी आये हुयेथे आज वापसी भी थी मिलकर खाया पिया व मिठाई वगैरह लेकर वापिस आ गई दीपक ईषा रावी भी आगये । जवाहर नगर आकर पुरानी यादों में यस्त हो जातीं हूँ बचपना याद आजाता है । मनसे मैं अभी भी बच्चाती हूँ लेकिन कभी कभी घर में इन लोगों की बातों से गंभीर मुद्रा में रहना पड़ता है क्योंकि और कोई हंसता ही नहीं खासकर ये शुरू सेही गंभीरता भरा दिल २ वैट अब तो यही अच्छा लगता है उम्र जब सोचती हूँ की 60+ हो चुकी हूँ तब धक्का सा लगता है वर्ना खुलके तो नाचना गाना घूमना अच्छे कपड़े पहनना 3 नौर नये नये लोगों से मिलना बहुत मन करता है और नया सीखते रहना भी '
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