असभ्यता सत्य की कमजोर नकल है। .
अंहकार ही हमे शा समर्थन पाने में रोड़ा अट का ता है।
चुप्पी पर कोई मुकद मा नहीं चल सकता . . . .
एक किस्सा ..एक कारीगर ने एक मूर्ति बनाई बेशक मूर्ति अच्छी बनी थी किन्तु मालिक ने कहा कि इसकी नाक जरा बड़ी है . मूर्तिकार ने चुपचाप छेनी और हथोड़ी ली थोड़ी सा संगमरमर का बुरादा लिया ,और सीढी पर चढ़कर मूर्ति पर छेनी चलाने की नकल करता रहा और थोड़ा-थोड़ा बुरादा गिराता रहा । उसने फिर मालिक से पूछा कि अब बताय़ें . . .मालिक खुश हुआ और बोला .हाँ अब ठीक है अब तुमने इसमें जान फूंक दी है । इस तरह उसने मालिक को नाराज़ किये बिना यह बता दिया कि वे अज्ञानी हैं ,और इस त रह उनका नजरिया बदल दिया ।
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