बसु और मछली से सत्यवती नाम की एक लड़की पैदा हुई उसका विवाह पाराशर से हुआ ऋषि पाराशर और सत्यवती के 3 पुत्र हुए पहले व्यास जी पांडू और भीष्म । व्यास जी कुरूप होने के कारण त्याग दिए गए थे। विचित्रवीर्य रोगी थे। विचित्र वीर जी की तीन पत्नियां अंबा अंबिका अंबालिका । भीष्म ने शादी ना करने की कसम खा ली व्यास जी कुरूप होने के कारण सन्यासी हो गए। तब वंश बढ़ाने के लिए भीष्म ने व्यास जी से प्रार्थना की । व्यास जी ने कहा ठीक है मेरी एक शर्त है 1 साल की साधना करने के बाद मेरे रूप रस और गंध को जो स्वीकार करेगा वही मेरे पास आएगा और डरेगा भी नहीं तब वे एक उत्तम बालक को जन्म दे सकेंगे उस समय विधवा से संसर्ग करने पर दूसरे पुरुष को कुरूप बन कर जाना होता था । व्यास जी के पास जब अंबिका गई तो डर की वजह से उसने आंखें मूंद ली है जिसकी वजह से दृष्ट राष्ट्र अंधे हुए। फिर अंबालिका को भेजा गया अंबालिका डर की वजह से पांडुरंग की हो गई उनसे पांडू हुए तब सत्यवती ने अंबा को भेजा। तब अंबा ने छल से अपनी दासी को भेज दिया उससे विदुर पैदा हुए सूत पुत्र विदुर के लिए अंबा को ऋषि ने आशीर्वाद दिया की तुम्हारा यह पुत्र तेजस्वी धर्मात्मा और बुद्धि जनों में श्रेष्ठ होगा। अर्पणा पांडे ..9 4 55 225 325
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