एक दिन सब कुछ ठीक हो जायेगा
ये सोचते सोचते जिंदगी के बहुत साल गुजर गए
समय रेत सा फिसल गया
बड़ती उम्र और बदलते लोगोँ ने,
कब फिलिंग लैस कर दिया पता ही न चला.
खुद को दिलासा देते देते कितनी
ख्वाहिशें और कितनी उम्मीदें मर गई
पता ही न चला
इस अदभुद संसार मे बहुत ही सुंदर रंग है
बस एक सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम से सभी को अभिभूत हो जाना चाहिए
फिर कोई नहीं कहेगा कि समय निकल गया
पता ही न चला
No comments:
Post a Comment