Tuesday, 17 December 2024

भागवत कथा

 पूजन सामग्री 

कलश स्थापना 

5pan के पत्ते, नारियल,आम पीपल का पत्ता, सुपारी, फल, जनेऊ,7 जोड़ा ,4 झंडे 2 बड़े 2 छोटे, जो, तिल, नवग्रह सामग्री, 7 दीया,बालू के 5 ढेर उस पर 5 कलश 5 दिया अब भागवत पुराण 

पूजन करने के बाद अब कथा शुरू 

भागवत क्या है? 

जिस कथा में भगवान का और उनके भक्तों का मंगलमय वर्णन हो वही भागवत है इसमे भगवान के 24 अवतारों का महत्व है!लीला पुरूषोत्तम श्री कृष्ण की लीलाओं का चरित्र दर्शाया गया है उनके सच्चिदानंद रूप का दर्शन है वे विश्व के एक मात्र कारण है, पालक,प्रलय और संहारक है जब सृष्टि नही थी तब भी भगवान थे उनका विनाश कभी नहीं होता भगवान ने संसार को खेलने और आनन्द के लिए बनाया है किन्तु कुछ लोग ज्यादा तर दुखी रहते हैं क्योंकि वे संसार को भोगते है लिप्त होते हैं, वे मकड़ी की तरह बनाते हैं जैसे मकड़ी जाला बुनती और फंसती है फिर स्वयं लील लेती है बस यहीं भगवान करते हैं 

इस कथा का स्वाद शुकदेव रुपी तोते द्वारा चखा गया है इसलिए यह बहुत मीठा है राजा परीक्षित के अनुनय विनय करने पर शुकदेव जी ने यह कथा सुनाई है वे कहते है कि सत्य प्रकृत्ति है आत्मा जीव है और परमात्मा ही नारायण है और भक्तों की कथा ही भागवत है यह कथा 18 पुराणों में अंतिम पुराण है इसमे सबसे ज्यादा रस है इसलिए यह भाग राजा है यह कथा व्यास जी ने नैमिषारण्य में लिखी थी! 

यह कथा सर्वश्रेष्ठ क्यों है  ?           (अगले अंक में) 

सेमिनार किदवई नगर में


 कल हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राघवेन्द्र जैसवाल जी के सेमिनार मे चैतन्य ग्रुप को  जाने का अवसर मिला होटल मे प्रोग्राम था नास्ता भी अच्छा कराया प्रोग्राम काफ़ी अच्छा लगा हड्डी से जुड़ी समस्याओं का कारण और निवारण कैसे किया जाये जानकारी मिली 

Monday, 9 December 2024

मन की बात

 एक दिन सब कुछ ठीक हो जायेगा

 ये सोचते सोचते जिंदगी के बहुत साल गुजर गए 

 समय रेत सा  फिसल गया 

बड़ती उम्र और बदलते लोगोँ ने, 

कब फिलिंग लैस कर दिया पता ही न चला. 

खुद को दिलासा देते  देते कितनी 

ख्वाहिशें और कितनी उम्मीदें मर गई 

पता ही न चला 

इस अदभुद संसार मे बहुत ही सुंदर रंग है 

बस एक सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम से सभी को अभिभूत हो जाना चाहिए 

फिर कोई नहीं कहेगा कि समय निकल गया 

पता ही न चला 



अक्षत पत्रिका ka संपादन

 पिताजी की पुण्य तिथि पर अक्षत पत्रिका का प्रकाशन हो गया ! पत्रिका सुन्दर आवरण के साथ आई सब लोगों को पसंद आई कुछ डाक से भी भेजी गई आवरण पर किरन चोपड़ा जी की पेंटिंग है. 

अब दिसंबर भी आ गया हल्की ठण्ड पड़ने लगी इन्हें भी बुखार के साथ यूरिन में जलन हो रही डॉ सचान को दिखाया है टेस्टिंग के बाद दवा चल रही एक हफ्ते के अंदर फिर से यूरिन टेस्ट कराना है.