बुराई ===
कोई भी बुराई सबसे पहले मनुष्य की आँखों पर पट्टी बांधती है,फिर उसकी बुद्धि को गठरी में बांध कर एक कोने में डाल देती है. और उसकी प्रवृत्तियों को मजबूत धागों से बांधकर कठपुतली की भांति नचाने लगती है।
कोई भी बुराई सबसे पहले मनुष्य की आँखों पर पट्टी बांधती है,फिर उसकी बुद्धि को गठरी में बांध कर एक कोने में डाल देती है. और उसकी प्रवृत्तियों को मजबूत धागों से बांधकर कठपुतली की भांति नचाने लगती है।
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