Wednesday, 20 January 2016

१, 'शाम होते ही आदमी का कद छोटा होता जाता है ,और उसका साया बढ़ा होता जाता है। '
२ ,'सूखे पत्ते पर पैर पड़ता है तो वह चरमराता है अर्थात ' कर्कश '
    और  गीले पत्ते पर पैर पड़ा तो ' सरस'  अर्थात रसयुक्त  
३ ,किसी से बदला लेने की सोचना ,अपने घाव को हरा रखने जैसा ही है जो कि कबका ठीक हो चूका है। 
   
बुराई ===
कोई भी बुराई सबसे पहले मनुष्य की आँखों पर पट्टी बांधती है,फिर उसकी बुद्धि को गठरी में बांध कर एक कोने में डाल देती है. और उसकी प्रवृत्तियों को मजबूत धागों से बांधकर कठपुतली की भांति नचाने लगती है।
आज २ दिन से पानी बरस रहा है , किसानों के लिए बहुत ही अच्छा है।
कहावत == .
अगहन दूना ,पूष सोना
माह सवाया ,फागुन घर को जाई [बर्बादी]

Sunday, 17 January 2016

अमृत बेला में जाग्रत होकर परमात्मा और अपनों का आभार व्यक्त करें ,
सृजन के लिए मनन और लगन चाहिए। 
संतोषी मनुस्य परम सुखी ,
नेकी करो , नेक   बनो 
एक को जानो एक को मानो 
ज्वाला प्रसाद नहीं,शीतला प्रसाद बनो. 
बकरे की बलि सब देते हैं ,शेर की कोई नहीं 
पेड़ बौरा जाता है तो फल देता है और आदमी बौराता है तो दुःख देता है।
  आया है  नया वर्ष 2016
 सभी सुखी हों,सभी स्वस्थ हों.
 यही हमारी आशा हैं

 निर्मल मन हो ,स्वस्थ  शरीर हो ,
  लिप्सा केवल ज्ञान की  हो ,
 यही  हमारी आशा    है \\
 अर्पणा।